A Simple Key For Shodashi Unveiled
Wiki Article
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
She would be the just one acquiring Serious magnificence and possessing electricity of delighting the senses. Interesting mental and emotional admiration during the three worlds of Akash, Patal and Dharti.
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
If you're chanting the Mantra for a certain intention, produce down the intention and meditate on it five minutes before commencing more info Together with the Mantra chanting and 5 minutes after the Mantra chanting.
The earth, as being a manifestation of Shiva's consciousness, holds The important thing to liberation when a single realizes this basic unity.
इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥